...तो राशिद बनेंगे किंगमेकर? नॉर्थ कश्मीर की वोटिंग पर आज BJP लगा रही होगी गुणा-गणित

Jammu Kashmir Election: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे शाम तक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में कैद हो जाएंगे. मंगलवार को तीसरे और आखिरी चरण का मतदान चल रहा है. उत्तरी कश्‍मीर की प्रमुख सीटों पर वोटर्स का रुख यह तय करेगा कि जम्मू और कश्‍मी

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Jammu Kashmir Election: जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे शाम तक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में कैद हो जाएंगे. मंगलवार को तीसरे और आखिरी चरण का मतदान चल रहा है. उत्तरी कश्‍मीर की प्रमुख सीटों पर वोटर्स का रुख यह तय करेगा कि जम्मू और कश्‍मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली सरकार किसकी बनेगी. बीजेपी को उम्मीद है कि वह यहां छोटे खिलाड़ियों की मदद से अपनी संख्या बढ़ा लेगी. मंगलवार को जिन 40 सीटों पर वोटिंग है, उनके नतीजे यह तय करेंगे कि इंजीनियर राशिद को 'एक्स-फैक्टर' बताना सही था या नहीं. कहीं ऐसा तो नहीं कि नेशनल कांफ्रेंस (NC) और पीपुल्स कांफ्रेंस (PC) के फिर से उभरने के कारण राशिद का जादू फीका पड़ गया.

वोट काटेंगे या किंगमेकर बनेंगे इंजीनियर राशिद?

आखिरी चरण की 40 सीटों में से 16 सीटें कश्मीर के बारामूला, बांदीपोरा और कुपवाड़ा जिलों में आती हैं. राशिद बारामूला लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर सनसनी बन गए थे. उन्होंने NC के उमर अब्दुल्ला और PC के सज्जाद लोन को करारी शिकस्त दी थी. उसी जीत के दम पर राशिद और उनकी अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) खुद को कश्‍मीर के हक के लिए लड़ने वाला प्रोजेक्ट करते रहे हैं.

राशिद ने चुनाव प्रचार के दौरान, तिहाड़ जेल में बिताए पांच सालों की तुलना बार-बार एनसी और पीडीपी नेतृत्व के आजाद होने से कर रहे हैं. हालांकि, एनसी-पीडीपी का यह आरोप कि राशिद को विधानसभा चुनाव में भाजपा की रणनीति के तहत उतारा गया है, ताकि कश्मीर के वोटों को बांट कर मुख्यधारा की पार्टियों को नुकसान पहुंचाया जा सके, उन्हें साफ तौर पर परेशान कर रहा है.

राशिद को इस सवाल का सामना करना पड़ा है कि उन्हें चुनाव प्रचार की खातिर 22 दिनों के लिए क्यों रिहा किया गया, जबकि उन्हें संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई थी.

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उत्तरी कश्‍मीर में बड़े नाम चुनाव लड़ रहे हैं. जैसे बारामूला में पीडीपी के बागी मुजफ्फर बेग जैसे निर्दलीय उम्मीदवार, और पीपुल्स कांफ्रेंस के अलावा कुछ जमात-ए-इस्लामी समर्थित उम्मीदवार भी हैं जिससे मुकाबला पेचीदा हो गया है. राशिद के भाई अपनी पूर्व विधानसभा सीट लंगेट से चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा, नेशनल कॉन्फ्रेंस की संगठनात्मक ताकत भी चुनौती पेश करती है.

राशिद को 'दिल्ली का भेजा शैतान' बता चुके अब्दुल्ला

NC अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला तो राशिद को 'दिल्ली द्वारा भेजा गया छिपा हुआ शैतान' बता चुके हैं. NC प्रमुख ने बारामूला के सांसद शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद की चर्चा करते हुए कहा था कि बीजेपी मतदाताओं के समीकरण को ‘प्रभावित’ करने के लिए उनका इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा, 'वक्त बताएगा. लोग अब जानते हैं कि अब वैसा नहीं है, जैसा पहले था.... वह दिल्ली से हैं, वह भाजपा से हैं, वह मतों को बांटने की भूमिका निभा रहे हैं.’’ अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि रशीद ‘‘वास्तव में अपने मालिक की आवाज का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं... वह भाजपा का हिस्सा हैं... मुझे उन पर दया आती है.'

राशिद ने इस साल लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट पर NC उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को हराया था. राशिद आतंकवाद को फंडिंग के आरोपों का सामना कर रहे हैं और नौ अगस्त, 2019 को नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने उन्हें गिरफ्तार किया था.

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान

मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के जिन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हो रहा है, उनमें बारामूला, उरी, राफियाबाद, पट्टन, गुलमर्ग, सोपोर और वागूरा-क्रीरी (बारामूला जिला), कुपवाड़ा, करनाह, त्रेहगाम, हंदवाड़ा, लोलाब और लंगेट (कुपवाड़ा जिला) और बांदीपोरा, सोनावारी और गुरेज (बांदीपोरा जिला) शामिल हैं. इन 16 क्षेत्रों में कुल 202 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. चुनाव के इससे पहले के चरणों में भारी मतदान हुआ था. पहले चरण में 18 सितंबर को 61.38 प्रतिशत और 25 सितंबर को दूसरे चरण में 57.31 प्रतिशत मतदान हुआ था. विधानसभा चुनाव के नतीजे आठ अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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